मैंने अपने दोस्त अवतार को व्हाट्सएप्प पर संदेश भेजा
"वक्त से लड़कर, जो नसीब बदल दे !
इन्सान वही जो, अपनी तक़दीर बदल दे !
कल कया होगा, कभी मत सोचो !
क्या पता कल वक्त खुद, अपनी तस्वीर बदल दे !"
अवतार का जवाब आया "यार ये बातें पढ़ने में ही अच्छी लगती हैं, असल जिंदगी में ऐसा नहीं होता"
मैंने समझाते हुए जवाब दिया "अबे कुछ बातें होंसला बढ़ाने के लिए होती हैं, जैसे माँ अपने बेटे से कहती है "खा ले मेरे राजा बेटा, तू तो मेरा शेर है"...
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