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मंथन (आत्मपरीक्षण Introspection)

मेरे दोस्त नीलकंठ का व्हाट्सएप्प  पर मेसेज आया "जरूरी नहीं हमेशा बुरे कर्मो की वजह से ही, दर्द सहने को मिले...कई बार हद से  ज्यादा अच्छे होने की भी क़ीमत चुकानी पड़ती है...।"

मैंने देखा की मेसेज संजीदा है तो मैंने सोचविचार करके अपने विचार रखे " दर्द देने वाला सहने की शक्ति भी देता है. हफ्ता पहले मुझे 2 दिन सांस लेने में दिक्कत रही तब अपने आप ही दिलोंदिमाग में मंथन शुरू हो गया।  माँ प्रकृति से वार्तालाप तीव्र हो गई ।  क्योंकि तकलीफ इतनी थी की ऐसा लग रहा था कि पता नहीं अगली सांस ही आखिरी ना हो। न्यूट्रल हो गया था मैं। (Nuetral, Indifferent उदासीन,  अनासक्त , आसक्तिरहित ) इच्छाएँ तो छोड़ो एक ही ईच्छा हो रही थी की माँ प्रकृति कि गोद में लम्बी तान के सोने का समय आ गया। पर इतना खुशनसीब कहाँ, माँ ने कहा अपनी जिम्मेवारियाँ निभा ले..."😊

नीलकंठ ने लिखा "बच्चे खुशनसीब हैं, पिता के बिना खुशियाँ नहीं मिलतीं"

मैंने लिखा "तभी तो कहते हैं ना, जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा (माँ प्रकृति) है यारों। ..." 

(मनोज कुमार विट्ठल)



My friend Neelkanth sent a message on WhatsApp "Not necessarily always because of bad karma, pain is to be suffered ... Sometimes it has to be cost to be extremely good…."

I saw that the message is serious, so I thoughtfully put forth my thoughts "If God gives pain then also gives the power to bear. I had trouble breathing for 2 days last week, then started introspection of mine. Intense conversation with Mother Nature. "Because there was so much trouble that it seemed that the next breath would be the last one. I was neutral / indiffrent. There was only one wish for endless sleep on Mother Nature's lap. But I was not so lucky enough, Mother said, "take care of your responsibilities..."😊

Neelkanth wrote "Children are happy, happiness is not available without father"

I wrote, "That is why we say, if there is no one, there is God, Mother Nature."

(Manoj Kumar Vitthal)

 


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Storyteller - Short Stories By Manoj Kumar Vitthal

Mann ki baat (feelings of heart) in form of Short Stories. Parallel website is  https://www.facebook.com/Storyteller-Short-Stories-By-Manoj-Kumar-Vitthal-270899040519207/