ख़ामोशी तोड़ो
विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर बच्चों को प्रेरित करने के लिए एक पोस्टर लगा था, जिस पर समझाया जा रहा था कि बच्चे अपने ऊपर और अपने साथी पर किसी भी तरह का अन्याय ना सहें, अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज उठायें और डट कर मुकाबला करें।
प्रिंसिपल साहिबा से मैं पिछले डेढ़ दशक से परिचित हूँ। विद्यालय की प्रबंधक कमिटी के एक सदस्य जिनका विद्यालय की कार्यप्रणाली से कोई लेना देना नहीं है, वक्त बेवक्त प्रिंसिपल साहिबा के कक्ष में आ जाया करते हैं और हर आने जाने वाले के कार्य में बाधा डालते हैं।
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