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कर्ण का न्याय

  कर्ण ने अर्जुन से कहा कि आपने जो मेरा कार्य सम्पन्न किया है उसका मेहनताना आप मेरे मित्र दुर्योधन से ले लीजिए। अ र्जुन ने कर्ण से कहा कि प्रिय कर्ण आप मेरे भाई दुर्योधन के मित्र होने के नाते मेरे भी मित्र हुए, और उम्र में मुझसे बड़े होने के नाते मेरे लिए आदरणीय भी हैं। अर्जुन ने कर्ण से आगे कहा कि आपने चार माह पूर्व भी मुझे इस कार्य हेतु बुलाया था, पर मैंने आपसे अनुग्रह किया था कि कृप्या पहले आप भाई दुर्योधन से अनुमति दिलवा दें, क्योंकि भाई दुर्योधन मुझसे किसी कारणवश नाराज़ चल रहे हैं, तब आपने मुझे बताया था कि भाई दुर्योधन मेरे द्वारा आपका कार्य करने की अनुमति नहीं दे रहे। अर्जुन ने कर्ण से आगे कहा कि अब चार महीनों बाद आपने मुझे यह कहकर बुलाया कि आपने दुयोधन से कार्य हेतु अनुमति ले ली है और पारिश्रमिक भी तय कर लिया था। अबकी बार मै आपके अनुरोध पर आपके विनम्र स्वभाव को देखते हुए आपकी सहायता हेतु आपके कार्यस्थल पर दो दिन परिश्रम करता हूँ। तो इस स्थिति में मुझे पारश्रमिक भाई दुर्योधन से क्यों लेना चाहिए ? अर्जुन ने कर्ण से आगे कहा कि मैं तो आपके कार्यस्थल पर कार्य करने हेतु इस लिए भी तै...

तीन रंग नइ मिलने बिब्बा, हुस्न जवानी ते माँ पे (Tin Rang) / Three colours of life 'beauty', 'youthfulness' & 'parent' never gifted by 'Mother Nature' again...

आँखे नम थीं, बब्बल अपने पिताजी को याद कर रहा था। ईश्वर से गुफ्तगू चल रही थी, "हे ईश्वर एक पीढ़ी के अंतर (generation gap) की वजह से पिता पुत्र में छोटा मोटा मन मुटाव तो होता है लेकिन मेरी एक नादानी ऐसी थी जिसे मैं शायद आज पिता के हमेशा के लिए आपके पास चले जाने के बाद सहन ना कर पाऊं, कृपया मेरी उस नादानी को मेरे स्मृतिपटल (memory) से हमेशा हमेशा के लिए मिटा दें।" बब्बल ने पिछले लंबे समय से पिता की खूब सेवा की, पिता चलते फिरते ही प्रभु के धाम गए। कब आँख लगी पता ही नहीं चला, चिड़ियों की चहचहाहट से बब्बल की नींद खुली, पास ही बेटी तान्या बैठी थी जैसे पिता के जागने का इन्तजार कर रही हो। बब्बल ने बेटी को गोद में बिठाया और कहा "बेटा उदास क्यों हो रही है, दादाजी भगवान के घर ही तो गए हैं। और तू चिंता ना कर मैं तो तेरे और तेरी बहन युक्ता के बच्चों के भी बच्चों की शादियों में भंगड़ा डालने के बाद ही प्रभु के घर जाऊँगा।" तान्या ने मुस्करा कर पिता को गले लगा लिया। (मनोज कुमार विट्ठल) for more stories click here