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Showing posts from March, 2019

Storyteller - Short Stories By Manoj Kumar Vitthal

Mann ki baat (feelings of heart) in form of Short Stories. Parallel website is  https://www.facebook.com/Storyteller-Short-Stories-By-Manoj-Kumar-Vitthal-270899040519207/

Idol's Creator, Blessed by Maa Saraswati !

Dada !  Artist Mr. Biswajit Pal (Mob.+918447549263), blessed by Maa Saraswati, creates Idols of Maa Kali, Maa Durga, Maa Saraswati, Maa Jagadhatri at Kali Bari Temple, Mandir Marg,New Delhi-110001.  दादा की यह फोटो एक कहानी अपने भीतर संजोय हुए है, मैं दादा की एक फोटो दुर्गा पंडाल के साथ लेना चाहता था, मुझे गार्ड को समझाना पड़ा कि  वह दादा को पंडाल के भीतर आने से ना रोके क्योंकि यही वे शख्श  हैं जिन्होंने अपने हाथों से इस पंडाल को बनाया है...यही एक विडंबना (कष्टकर स्थिति) थी जिसने मुझे इस ब्लॉग को लिखने के लिए प्रेरित किया... Above photo of Dada has a story within it...as I wanted to portray Dada with Maa Durga Pandal, I had to instruct the 'guard' that he should not stop the 'Dada' from coming inside the pandal because this is the person who has made this pandal with his own hands ... This was the irony (painful situation) which motivated me to write this blog... काली बाड़ी मंदिर से सम्बंधित फोटोज :  https://www.f...

Khamoshi Todo...

ख़ामोशी तोड़ो  विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर बच्चों को प्रेरित करने के लिए एक पोस्टर लगा था, जिस पर समझाया जा रहा था कि बच्चे अपने ऊपर और अपने साथी पर किसी भी तरह का अन्याय ना सहें, अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज उठायें और डट कर मुकाबला करें। प्रिंसिपल साहिबा से मैं पिछले डेढ़ दशक से परिचित  हूँ।  विद्यालय की प्रबंधक कमिटी के एक सदस्य जिनका विद्यालय की कार्यप्रणाली से कोई लेना देना नहीं है, वक्त बेवक्त प्रिंसिपल साहिबा के कक्ष में आ जाया करते हैं और हर आने जाने वाले के कार्य में बाधा डालते हैं।  मैंने प्रिंसिपल साहिबा के समक्ष उस पोस्टर और प्रबंधक कमिटी के उन सदस्य के बर्ताव की तुलना की। प्रिंसिपल साहिबा ने भी स्वीकार किया की हम बच्चों को जो पढ़ाते हैं उसी बात को वास्तविक जिंदगी में चाह कर भी काफी परिस्थितियों में अमल में नहीं ला पाते।

Over Confident Student !

शुभम ! परीक्षा की पूरी तैयारी है ना ? शुभम का जवाब होता है "हांजी पापा "... शुभम के पापा एग्जाम सेंटर के बाहर ये सोच कर रुक जाते हैं कि अभी 10 बजने में 10 मिनट हैं जब सब बच्चे अपनी अपनी क्लास में चले जायेंगे तो घर लौट जाऊँगा। तभी शुभम घबराया हुआ आकर कहता है "पापा एग्जाम एडमिट कार्ड तो घर पर ही रह गया...." दोनों स्कूल टीचर के पास पहुँचते हैं, उनकी बात सुनकर मैम मुस्करा देती हैं और अपने फोल्डर में से शुभम की एडमिट कार्ड की सेकंड कॉपी निकाल कर शुभम को दे देती हैं... शुभम के पापा टीचर का शुक्रिया अदा करते हैं और कहते हैं "मैम , शुभम अपने अति आत्मविश्वास की वजह से अपना एडमिट कार्ड भूल गया "।  मैम शांत भाव से कहती हैं "कोई बात नहीं, शुभम टेंशन मत लो और पूरे  विश्वास के साथ लगन से परीक्षा दो...गॉड ब्लेस्स..." ।