जगमोहन ने मोनू से कहा की भाई मेरे साथ फूल इकठ्ठे करने में सहायता कर दो। मोनू ने कहा कि भाई फूल तुड़वा कर मुझे पाप का भागी क्यों बनाते हो।
जगमोहन ने मोनू से कहा कि फूल भी हमारा आभारी होता होगा कि हमने उसे भगवान् के चरणों में स्थान दिलवा दिया, क्योंकि वह खुद तो भगवान् के श्री चरणों में जाने के लिए सक्षम नहीं है।
जगमोहन का सुन्दर सा जवाब सुनकर मोनू मुस्कुराते हुए फूल तोड़ने लग गया।
(मनोज कुमार विट्ठल)
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