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Showing posts from February, 2020

मोहन से भी डर और प्यार के फलीभूत आकस्मिक प्रतिक्रिया हो गई थी...

माँ ने दौड़ कर सड़क पर दौड़ते हुए बच्चे को पकड़ा, दो चार थप्पड़ रसीद किये और बच्चे को गोद में उठा कर गले लगा कर रोने लगी...ये घटना देखकर मोहन को भी अपनी बेटी की याद आ गई।  कुछ दिन पहले मोहन ने गुस्से में आकर अपनी बेटी को थप्पड़ मार दिया था, और चार पाँच दिन तक अकेले में पश्चाताप में रोता रहा था, लेकिन बेटी को सॉरी नहीं कह पाया। लेकिन आज की घटना ने मोहन के अशांत मन को शांत कर दिया था जैसे उस माँ ने अपने बच्चे की नादानी पर अपने डर और प्यार से प्रतिक्रिया की थी उसी प्रकार मोहन से भी डर और प्यार के फलीभूत आकस्मिक प्रतिक्रिया हो गई थी... और शॉर्ट  स्टोरीज के लिए क्लिक करें   

क्योंकि मैं आपके सिवा किसी और को पापा नहीं कह सकता

किशन ने अपनी बीवी से तलाक के डेढ़ साल बाद घर वालों और दोस्तों द्वारा समझाने पर दूसरी शादी के लिए हाँ कर दी । एक सुशील लड़की के साथ रोका भी हो गया।  काफी दिनों  बाद किशन के मित्र मोहन का फ़ोन आया।  मोहन ने पूछा "किशन भाई क्या बात हो गई आपने शादी के लिए बुलाया नहीं, कहीं दोस्तों को भूल तो नहीं गए थे और चुपचाप शादी तो नहीं कर ली ?" किशन ने कहा " नहीं भाई ऐसी बात नहीं है, मैंने उस लड़की को मना कर दिया है। मोहन ने पूछा "क्यों ?" किशन ने कहा " यार बेटे ने मुझे कहा की पापा अगर मम्मी ने दूसरी शादी कर ली तो मैं आपके पास आ जाऊँगा क्योंकि मैं आपके सिवा किसी और को पापा नहीं कह सकता, प्लीज पापा आप किसी और से शादी मत करना। ... और शॉर्ट  स्टोरीज के लिए क्लिक करें